feb 28th, 2011 CE
it takes me too long to read hindi, so i just had a quick glance at the story below. but this has been buried as usual by the baboo-journo axis.
---------- Forwarded message ----------
From: Radha Rajan
Date: 2011/2/27
Subject: Ultimatum to UPA govt at Baba Ramdev's grand rally in Delhi
To:
Sonia Gandhi's minions in the english print and electronic media seem to have blacked out this news. And this notwithstanding the presence of arch-secularists Agnivesh and Kejriwal. Some minions are giving more space to her NAC the dysfunctional, moribund body now being resuscitated to give the lady some space in the media, and created only to park all Sonia's NGO activist-loyalists as a privilige post with little weight. Just to be allowed to stand in the corner waiting for crumbs from the high table is high honour. RR नई दिल्ली.विदेशी बैंकों में जमा काला धन को स्वदेश लाने और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए योग गुरु स्वामी रामदेव के नेतृत्व में तमाम बुद्धिजीवियों ने रामलीला मैदान से शंखनाद किया। रैली में स्वामी रामदेव ने न केवल भ्रष्टाचार के पांच मूल स्रोतों को चिह्नित किया, बल्कि इसे रोकने के लिए पांच सुझाव भी दिए। रविवार को भारत स्वाभिमान ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस रैली में बाबा रामदेव ने घोषणा की कि वह जनता को योग सिखाने के अलावा देश से भ्रष्टाचार खत्म करने का भी अभियान चलाएंगे। उन्होंने कहा कि एक सन्यासी को राष्ट्रधर्म का भी पालन करना चाहिए और इसी के तहत हमने यह अभियान चलाया है। अपने 40 मिनट के भाषण में रामदेव ने भ्रष्टाचार के अलावा कांग्रेस और नेहरू परिवार को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि नेताओं को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए अनुलोम-विलोम जैसा योग सिखाना होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह बेईमान नेताओं से घिरे हुए ईमानदार प्रधानमंत्री हैं। गांधी परिवार पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि देश की अब तक की कुल परियोजनाओं में से आधी मात्र एक परिवार के सदस्यों के नाम पर हैं। हालांकि इस परिवार के कुछ सदस्यों ने भी देश के लिए बलिदान दिया, लेकिन देश में अन्य लाखों परिवारों ने भी बलिदान दिया है, जिसे हमें भूलना नहीं चाहिए और उन्हें भी इस श्रेणी में शामिल करना चाहिए। देश में स्विटजरलैंड के चार बैंकों और इटली के आठ बैंकों की शाखाओं को भारत में खोले जाने के खिलाफ आवाज उठाते हुए उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि इन बैंकों में धन न जमा किया जाए, क्योंकि इन्हीं बैंकों में सर्वाधिक काला देश जमा किया गया है। इस मौके पर उन्होंने दिग्विजय सिंह पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक नेता ने छेड़ा तो उसे मुंह की खानी पड़ी। बाबा ने कहा कि उनके जीवन को खतरा है और उनकी हत्या के षडयंत्र रचे जा रहे हंै, बावजूद इसके वह इस अभियान से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि कालेधन व भ्रष्टाचार के पांच मूल स्रोत हैं। पहला बड़े नोट और अधिक नोट, दूसरा अवैध खनन, तीसरा विकास योजनाओं के धन की चोरी, चौथा रिश्वतखोरी और पांचवां कर चोरी। उन्होंने इसे खत्म करने के पांच उपाय भी गिनाए। पहला कठोर कानून बनाना व नोटों को प्रचलन से वापस लिया जाना, दूसरा वर्ष 2006 से लंबित भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की संधि का अनुमोदन करना, तीसरा मॉरिशस के रास्ते काले धन को जायज बनाना बंद करना, चौथा काला धन जमा करने वाले विदेशी बैंकों पर प्रतिबंध लगाना और पांचवां विदेशी खाता नीति की तुरंत एलान करना।
अभियान में समाजसेवी अन्ना हजारे, वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी, सुब्रमण्यम स्वामी, गोविंदाचार्य, पूर्व महिला पुलिस अधिकारी किरन बेदी, आरटीआई एक्टिविस्ट अरविंद केजरीवाल, ऑल इंडिया ऊलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना मकसूद हसन कासमी, पूर्व आयकर आयुक्त विश्वबंधु गुप्ता, स्वामी अग्निवेश आदि उपस्थित थे। काले धन की लिस्ट में विलासराव और पटेल के भी नाम : गुप्तारैली में पूर्व आयकर आयुक्त विश्वबंधु गुप्ता ने कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं पर गंभीर आरोप जड़े। उन्होंने आरोप लगाया कि विदेशों में काला धन जमा करने वालों में देश के कई शीर्ष नेता भी शामिल हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल का भी नाम है। इनकी वजह से ही कांग्रेस सरकार इस मुद्दे पर चुप बैठी है। गृह मंत्री पी. चिदंबरम भी कार्रवाई की बात पर सिर्फ इसलिए चुप बैठ गए, क्योंकि इन दो लोगों के नाम लिस्ट में उजागर हो गए। हालांकि विदेशी बैंक में ‘दाऊद’ कंपनी के करीबी हसन अली द्वारा एक लाख करोड़ रुपए जमा किए जाने के मुद्दे पर चिदंबरम कार्रवाई करने वाले थे, लेकिन उन्हें इसी वजह से चुप रहना पड़ा। जब वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मिलने पर उन्होंने इस धन को स्विटजरलैंड से वापस लाने के लिए कहा था, तो प्रणब दा का कहना था कि स्विस सरकार अपने कानून के मुताबिक न ही पैसा वापस कर सकती है और न ही वह इन लोगों के नाम उन्हें बताएगी। 2007 में स्विस बैंकर्स एसोसिएशन का सरकार ने पक्ष लिया और उन्हें भारत में बैंक खोलने की अनुमति दी, नतीजतन देश में 4 स्विटजरलैंड के और आठ इटली के बैंक भी खुल गए। उनका यह भी आरोप था कि बोफोर्स मामले का आरोपी होने के बाजवूद इटली के व्यवसायी ओत्तावियो क्वात्रोच्ची के बेटे मलिसमा को ईएनआई इंडिया नामक कंपनी के नाम से अंडमान निकोबार में तेल की खुदाई का ठेका दे दिया गया।
From: Radha Rajan
Date: 2011/2/27
Subject: Ultimatum to UPA govt at Baba Ramdev's grand rally in Delhi
To:
Sonia Gandhi's minions in the english print and electronic media seem to have blacked out this news. And this notwithstanding the presence of arch-secularists Agnivesh and Kejriwal. Some minions are giving more space to her NAC the dysfunctional, moribund body now being resuscitated to give the lady some space in the media, and created only to park all Sonia's NGO activist-loyalists as a privilige post with little weight. Just to be allowed to stand in the corner waiting for crumbs from the high table is high honour. RR
http://www.bhaskar.com/article/del-babas-announced-for-stop-corruption-1891114.html
भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा रामदेव का शंखनाद
Source: bhaskar news | Last Updated 01:03(28/02/11)
अभियान में समाजसेवी अन्ना हजारे, वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी, सुब्रमण्यम स्वामी, गोविंदाचार्य, पूर्व महिला पुलिस अधिकारी किरन बेदी, आरटीआई एक्टिविस्ट अरविंद केजरीवाल, ऑल इंडिया ऊलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना मकसूद हसन कासमी, पूर्व आयकर आयुक्त विश्वबंधु गुप्ता, स्वामी अग्निवेश आदि उपस्थित थे। काले धन की लिस्ट में विलासराव और पटेल के भी नाम : गुप्तारैली में पूर्व आयकर आयुक्त विश्वबंधु गुप्ता ने कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं पर गंभीर आरोप जड़े। उन्होंने आरोप लगाया कि विदेशों में काला धन जमा करने वालों में देश के कई शीर्ष नेता भी शामिल हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल का भी नाम है। इनकी वजह से ही कांग्रेस सरकार इस मुद्दे पर चुप बैठी है। गृह मंत्री पी. चिदंबरम भी कार्रवाई की बात पर सिर्फ इसलिए चुप बैठ गए, क्योंकि इन दो लोगों के नाम लिस्ट में उजागर हो गए। हालांकि विदेशी बैंक में ‘दाऊद’ कंपनी के करीबी हसन अली द्वारा एक लाख करोड़ रुपए जमा किए जाने के मुद्दे पर चिदंबरम कार्रवाई करने वाले थे, लेकिन उन्हें इसी वजह से चुप रहना पड़ा। जब वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मिलने पर उन्होंने इस धन को स्विटजरलैंड से वापस लाने के लिए कहा था, तो प्रणब दा का कहना था कि स्विस सरकार अपने कानून के मुताबिक न ही पैसा वापस कर सकती है और न ही वह इन लोगों के नाम उन्हें बताएगी। 2007 में स्विस बैंकर्स एसोसिएशन का सरकार ने पक्ष लिया और उन्हें भारत में बैंक खोलने की अनुमति दी, नतीजतन देश में 4 स्विटजरलैंड के और आठ इटली के बैंक भी खुल गए। उनका यह भी आरोप था कि बोफोर्स मामले का आरोपी होने के बाजवूद इटली के व्यवसायी ओत्तावियो क्वात्रोच्ची के बेटे मलिसमा को ईएनआई इंडिया नामक कंपनी के नाम से अंडमान निकोबार में तेल की खुदाई का ठेका दे दिया गया।
2 comments:
Rajeev,
I am a daily reader of this blog and your columns. I admire this blog, please keep up the good work. I suggest you post this youtube video of former IT commissioner, Vishwabandhu Gupta speaking at the anti-corruption rally as a blog item, some of his revelations are explosive ...
http://www.youtube.com/watch?v=U9sKbwrLFG4&feature=related
The video seems to have moved to this place:
http://www.youtube.com/watch?v=42HoeTc6FV4
If that does not work for some reason, this one I guess will:
http://deshgujarat.com/2011/02/28/ahmed-patel-has-swiss-bank-account-former-i-t-commissionervideo/
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